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ज़िन्दगी की राहों में है क्या, आशा और निराशा है। ज़ि

ज़िन्दगी की राहों में है क्या, आशा और निराशा है।
ज़िन्दगी खुद भी तो, सुख दुःख की परिभाषा है।

सुख के दिनों में दुख मत भूलो दुख में याद करो सुख को।
दुख के बाद है सुख भी आता, क्यूँ पाली तुमने निराशा है। 👉🏻 प्रतियोगिता- 437
विषय 👉🏻 🌹"निराशा "🌹
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I 

🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नहीं लगे और Font color का भी अवश्य ध्यान रखें ताकि आपकी रचना visible हो। 

🌟 पहले सावधानी पूर्वक "CAPTION" पढ़ें और दिए हुए शब्द को ध्यान में रखते हुए अपने ख़ूबसूरत शब्दों एवं भावों के साथ अपने एहसास कहें।
ज़िन्दगी की राहों में है क्या, आशा और निराशा है।
ज़िन्दगी खुद भी तो, सुख दुःख की परिभाषा है।

सुख के दिनों में दुख मत भूलो दुख में याद करो सुख को।
दुख के बाद है सुख भी आता, क्यूँ पाली तुमने निराशा है। 👉🏻 प्रतियोगिता- 437
विषय 👉🏻 🌹"निराशा "🌹
🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या 
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