तेरी वो निशानी के आधार पर ही तो आज जिन्दा है, नही तो सांसे छोड़ जग से उड़ जाता मन वो परिंदा है। 🌝प्रतियोगिता-114🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"वो निशानी"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I