ऐ ख़ुदा तूने ये कैसी है रीत बनाई, एक तरफ़ है 'पी' की 'प्रीत' दूजी ओर है अपने 'बाग़बान' से 'बिछड़न' रीती रिवाज़ों में ही झुलसती रहती है अपनी ये ज़िंदगी.. क्या इसका कोई तोड़ नहीं है? एक तरफ़ उसका आने वाला कल है, दूसरी ओर उसका गुज़रा हुआ कल और खिलखिलाता उसका आज है .. चुने वो तो आख़िर क्यों हमेशा ही अपने 'बाग़बान' से बिछड़ना.. क्यों संसार का ये नियम है? #प्रीत #बाग़बान #बिछड़न #yqbaba #yqdidi Photo credits : wallpaper cave.com