हिन्दू था या मुस्लमान था वो जो भी था इन्सान था देखते रहे तमाशा उसकी मौत का यहां जिन्दे मुर्दो का कब्रिस्तान था अब तक भेदभाव धर्म , जातिवाद बेकार शहिदों का बलिदान था मर गयी इंसानियत बीच चौराहे पर लोग लड़ रहे थे इसका जिमेदार कौनसा भगवान था मुजरिमों को हिरासत फिर बरी बस इतना हि मेरे देश का सविधान था। हर मसला यहा रुकता बस मन्दिर ओर मस्जिद पर है क्या बस ये हि मेरा हिन्दुस्तान हैं ? ✍विवेक जैन #क्या_ये_हि_हिंदुस्तान_हैं #मोब्लिंचिंग #माहराष्ट्र #नोजोतो