वो आये हमारी मैफिल में.. और.. मैफिल सज गयी.. कुछ सुनहरे ख्वाँबो से.. कुछ सुनी सुनायी याँदो से.. वो आये और.. खिल गयाँ चाँद भी.. सजदे में थी.. रात अभी.. ख्वाँबोने रंग जमाया और.. मन की पंखूडियाँ देर तक.. फूलकर.. चहचहाती रही.. हल्के से रंग बिखेर आँखोमें.. वो आये.. और चल भी दिये.. हम अभीभी.. मैफिल की.. आगोश में.. अर्चू.. #मैफिल