सही वक़्त के इंतजार में, वक़्त को यूहीं गुज़ार रहा हूं। वक़्त सही कभी ना आया, खुद से वक़्त को सही कर रहा हूं। _सिद्धार्थ माइति #वक़्त_की_बातें #वक़्त