मुलायम सी हथेलियों में चूड़ियों की खनक क्या खूब माथे पर बिंदिया, नाक नथनी हुस्न तेरा नौ-रतन क्या खूब नयी जवानी, नये यौवन का जोश और उभार तुम्हारे सीने का अदा में झुकती नज़रे, सर से पैर तक बाँकपन क्या ख़ूब ख़ुदा ने हुस्न के साँचे में ढाला तेरा शफ़ाक़ बदन मेरे लबों के स्पर्श से कमर पर आई हुई छुअन क्या खूब गुलाब से गाल, नर्गिस सी आँखे सिसक, तड़प, जलन, अगन क्या खूब! #kumaarsthought #kumaarerotica