यादों के दरवाज़े खोल रहे थे और खयालों में खो रहे थे थोड़ी आंखे नम थी और बादल भी रो रहे थे तुम्हारे आंखे भी कुछ कहने को हो रहे थे बोलो तुम कुछ बोल रहे थे.. ©Hema Tandu #bolotumkuchbolrahethe #poem