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यादों के दरवाज़े खोल रहे थे और खयालों में खो रहे थ

यादों के दरवाज़े खोल रहे थे
और खयालों में खो रहे थे
थोड़ी आंखे नम थी
और बादल भी रो रहे थे
तुम्हारे आंखे भी कुछ कहने को 
हो रहे थे
बोलो तुम कुछ बोल रहे थे..

©Hema Tandu #bolotumkuchbolrahethe #poem
यादों के दरवाज़े खोल रहे थे
और खयालों में खो रहे थे
थोड़ी आंखे नम थी
और बादल भी रो रहे थे
तुम्हारे आंखे भी कुछ कहने को 
हो रहे थे
बोलो तुम कुछ बोल रहे थे..

©Hema Tandu #bolotumkuchbolrahethe #poem
hematandu1841

Hema Tandu

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