ख़ामोशी पसीज गई है मेरी रूह में सीलन की तरह और अब उस पर फ़ंफ़ूद दिखने लगा है बड़े बड़े चक्कतों में, थमे वक़त सा जमा फ़ंफ़ूद कभी मेरे सीने को कसता है कभी मेरी साँसों को डँसता है और मेरी रगों में सीमाब बन कर फैल जाता है फिर, ना कोई रंग तारी रहता है ना कोई भंग असरदार और नींदों से तल्ख आँखें रात तलाशती हैं ख़्वाब अगर आते है तो रूह कुरेद जाते हैं ना कोई दर्द महसूस होता है, ना शिकन तुम ही कहो, अगर मैं ज़िंदा हूँ तो फिर मौत क्या है #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair #chapter_3_iddat #to_maut_Kya_hai #mikyupikyu #tasavvuf #ना_मीठा_के_पैराहन_ना_शोना_के_पैर #Chapter_3_इद्दत