मैं रोज़ गमों के दलदल में धस्ता जाता हूं, मैं रोज़ गमों के दलदल में धस्ता जाता हूं, तेरा नाम ना आए जुबां पर मेरी, इसलिए हस्ता जाता हूं।। #हस्ता जाता हूं।।