आज तो अपने आप ही से द्वंद् हैं। यहां अपनों और अपनी खुशियों में छिड़ी जंग हैं। जीत होगी अपनों की यह भी तय हैं। मगर अपनी हार के मायने अब ताउम्र संग हैं। क्या यहीं हमारी जिंदगी के नए रंग हैं। #द्वंद्