हास्य रस - कविता ***************************** नकवी सहाब, टहलते हुए जब क्लास रूम में आये जो-जो कल अनुपस्थित था कान पकड़ कर जल्दी से टेबल पर मुर्गा बन जाये... कारण बताओ अपने-अपने या फिर बुला पिता को लाये... नकवी जी, बच्चों की हरकतों से हो गए थे इतने तंग नित नए बहाने सुनकर रह जाते थे दंग सोच कर आये थे आज किसी को नही छोडूंगा जो भी बोलेगा झूठ कमर मैं उसकी तोडूंगा था एक लड़का चतुर सयाना बोला,सर् जी..! कल हमारी भैंस ने काटडा जाबर दिया काम घना था जापे का सारा मैंने किया....! दूजे को आनन-फानन में कुछ सूझा नही उपाय झट से कान छोड़कर बोला अब क्या बताऊँ?श्री मानजी बीटोड़ा हमारा भी कल फिर से गया बियाय...! बेचारे...! भोले भाले नकवी जी फिर से मूर्ख दिए बनाय बिटोड़ा बच्चें नही देता... अब कौन उन्हें समझाये...😂😂😂😂😂 #काटडा- भैंस का बच्चा # बिटोड़ा- गोबर के उपले बनाकर जहाँ एकत्रित रखे जाते है ********************************** हास्य रस ....कविता ( बिटोड़ा )😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂