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कभी टकराई थी, उनकी सांसों से मेरी भी सांसें। मुझे

कभी टकराई थी, उनकी सांसों से मेरी भी सांसें।
मुझे अब समझ आया उनकी महक,
उनकी सांसों से रंजिश की बू आती थी और मैं उसे मोहब्बत की खूसबू समझ के पी जाता था।। #सिफा की डायरी...
कभी टकराई थी, उनकी सांसों से मेरी भी सांसें।
मुझे अब समझ आया उनकी महक,
उनकी सांसों से रंजिश की बू आती थी और मैं उसे मोहब्बत की खूसबू समझ के पी जाता था।। #सिफा की डायरी...