दिल बहुत करता है किराये के कमरे से घर जाने के लिए मगर घर से भी दूर रहना पड़ता है कमाने के लिए तुम पूछते हो दर्द छुपाकर मुस्कुरा लेते हो कैसे अरे मियां इतना तो हुनर चाहिए अदाकारी दिखाने के लिए मुझे इल्म़ है कि रकीबों से भरी पड़ी है दुनिया मगर किसी को तो अपना बनाना होगा हाॅं में हाॅं मिलाने के लिए और तुम पूछते हो क्यों बनाते हो इस जहां में दोस्त अरे चार कंधे भी तो चाहिए श्मशान तक जाने के लिए जब जिंदगी अपनी है तो अपने हिसाब से जियो वो जीना भी क्या जीना है ज़माने को दिखाने के लिए हर किसी को जीवन के पथ पर चलना अकेले ही है लोग आयेंगे केवल और केवल रास्ता बताने के लिए ©Anoop Kumar Mayank Anoop kumar mayank's poetry 😊❤️💫💯✨🌼🌺 #anoopkumarmayank #anoopindergarh #traintrack