श्याम सुंदर वर्ण है जिसका बजाए बाँसुरिया जमुना तीर सुध-बुध खोयी काज बिसारी रहा न स्वयं के बस में शरीर जल की लहरें है शांत आज शांत हुई क्यों दसों दिशाएँ नहीं गुंजित वो मधुर आवाज है कुंठित क्यों बहती हवाएँ बन बैठा मन का दर्पण वो, किया वरण जिसका नयनों ने कानन-कानन नाम पुकारा है उसका ही व्याकुल अधरों ने गूँजती रही आवाज स्वंय की हृदय से फूटी विरह की पीर दर-ब-दर भटके पागल मन कैसे कोई अभागिन धरे धीर कान्हा ❤️❤️❤️❤️❤️ Poke 💜 Sangeeta Patidar di #rzhindi #bestyqhindiquotes #poetry #rzrpremsangeet #spiritual #yqdidi #yqhindi #savitajha