चाँद से क्या स्नेह करूँ जो अंधियारा लाता है मेरा स्नेह तो सूरज से है जो उजियारा लाता है जग को प्रकाशित करता है नया सवेरा लाता है मनों में उम्मीद की किरण आकर के जगाता है।। ~ #कपिल_राही