तन से लिपट गयी है यादें बारिश की बूंदें... मन को कर गयी है आधे! तुम ही तो आयी थी प्रीत का दामन हाथों में बांधे फिर क्यों कर गयी... पूर्ण विराम के बदले अल्प विराम के वादे ! ~~शिवानन्द #इश्क़ #पूर्णविराम #अल्पविराम ❣️