हाथों में डमरू लिए , संग सोहे त्रिशूल हम बालक है आ

हाथों में डमरू लिए , संग सोहे त्रिशूल
हम बालक है आपके , माफ करो सब भूल
गले वासुकी नाग है , मस्तक सोहे चांद
शीश गंग की धार है , जटा जूट है आप 
तन पर रही विराज है , बाघम्बर की छाल
देवो के तुम देव हो , तुम हो दीनदयाल
पर्वत पर आसन बना , हे कैलाशी नाथ
सबके साधे काम है , माँ गोरा के साथ

@अंतरराष्ट्रीय कवि

©kavi #जय_महाकाल #शिवशक्ति #शिवशम्भु 

#MahaKumbh2021
हाथों में डमरू लिए , संग सोहे त्रिशूल
हम बालक है आपके , माफ करो सब भूल
गले वासुकी नाग है , मस्तक सोहे चांद
शीश गंग की धार है , जटा जूट है आप 
तन पर रही विराज है , बाघम्बर की छाल
देवो के तुम देव हो , तुम हो दीनदयाल
पर्वत पर आसन बना , हे कैलाशी नाथ
सबके साधे काम है , माँ गोरा के साथ

@अंतरराष्ट्रीय कवि

©kavi #जय_महाकाल #शिवशक्ति #शिवशम्भु 

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kavi Mangal

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