बड़ी कीमत चुकाई तब जाकर मैंने ज़िन्दगी को ज़िन्दगी बनाई एक उम्र मैं तीरगी में था तब जाकर ज़िन्दगी मैंने आफ़ताब बनाई मैं तराशा हुआ हीरा हूँ हिद्दत-ए-आग में पका हूँ अब जो मैं बना हूँ तो इफ़्फ़त-ए-नगीना बना हूँ तेरी कमी का है एहसास मुझे मैं तेरे इंतज़ार में तड़पा हूँ तुझको रखा है हिफाज़त से मैंने तुझसे ही मैं अब साँस लेता हूँ तीरगी- अंधेरा, आफ़ताब- सूरज हिद्दत- तपिश, इफ़्फ़त- शुद्ध, पवित्र बड़ी क़ीमत चुकाई मगर दुनिया हमें फिर भी न रास आई। #क़ीमत #collab #yqdidi Collaborating with YourQuote Didi #yabhaijan #broken #philisophy