देख शौक अदाएं दिल का आ जाना लाजमी है, ए नाज़नीं तेरे इंतजार में ये दिल घायल आज भी है, आती है तुम्हें ये अदाएं , ये सितम ढहाना मा'लूम है, तू मेरी सितार की तार तू ही मेरी धुन की साज़ भी है, छुपा न सकूँ तुमसे कोई बात ,न कोई भी फ़लसफ़ा, तुमसे ही मेरी जिंदगी के छुपे हुए इक इक राज़ भी है, तनहाइयों मेरा इक इक हर्फ़ भी तुमसे ही तो जुड़ा है, तुम से ही जहाँ,तुमसे मिरी कलम के अल्फ़ाज़ भी है। ♥️ Challenge-603 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।