सजधज के देखो गौरी आज बनी है दुल्हन हुए अरमान पूरे खिल गई दिल की कली रे गुलाबी जोड़े में लग रही जैसे बगिया खिली रे पिया मिलन को छोड़ चली बाबुल की गली रे माथे का टीका चमकता रहे तेरी जोड़ी बनी रे हरवा, झुमके, खिल रहे उनके कँगन और कलीरे बड़ी हसरत देख रही तुझे सब सखी सहेलियाँ कौन होगी खुशनसीब जिसपे झड़ेंगी तेरी कलीरे रश्क़ करता होगा ख़ुद, ख़ुदा भी तुझे बनाकर रूप ऐसा सुहाना लग रहा जैसे हो कोई परी रे आ लगा दूँ तुझे काला टीका कहीं नज़र न लग जाए हुस्न की मल्लिका ख़िदमत में क्या पेश करूँ नजीरें तुमको देखा तो समझ आया, कैसे बदलती हैं तकदीरें अपने पर भरोसा हो तो बदलती है क़िस्मत की लकीरें सजधज के देखो गौरी आज बनी है दुल्हन हुए अरमान पूरे खिल गई दिल की कली रे गुलाबी जोड़े में लग रही जैसे बगिया खिली रे पिया मिलन को छोड़ चली बाबुल की गली रे माथे का टीका चमकता रहे तेरी जोड़ी बनी रे हरवा, झुमके, खिल रहे उनके कँगन और कलीरे