नींद से अपनी गजब की यारी हैं, जब बैठता हूं पढ़ने आगोश में लेती है। ऐसी बात नहीं कि फिक्र कोई नहीं, हर रोज सोचता हूँ,इससे जंग लड़ने की। -सबील अहमद #तन्हा_परिन्दा #SundayAlfaz #Shayari