वक़्त की स्याही, और क़िस्मत का पन्ना, अगर साथ में चमक जाए, तो समझना के तेरी, इस जन्म की साँसे सफ़ल हुई। मिलता नहीं कुछ यहाँ खाली हाथ, ना ही मिलता है हाथ की लकीरों से, अगर नहीं करेगा परिश्रम वक़्त के साथ, तो रह जाएगा तेरा भी पन्ना कोरा काग़ज़। मौक़ा सबको मिलता है यहाँ, लेकिन आँखे तो तुझे ही खुली रखनी होगी, अच्छे वक़्त की राह देखने में, मिले हुए मौक़े को गंवा मत देना। वक़्त की स्याही भी तेरी होगी, क़िस्मत के पन्ने भी होगे सतरंगी तेरे, अगर हौंसले होंगे बुलंद तेरे, और चलेगा हमेंशा वक़्त के साथ। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-918 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।