चिलचिलाती धूप से बच कर दफ़्तर से थोड़ा आराम ले कर रोज़ की चिंताओं को त्याग,चाय नाश्ता निपटा आराम करो , क्यूंकि दिन आराम का है। खुशकिस्मत हो घर में हो एसी,इंटरनेट त्माम सुख सुवधाएं है। वो प्रवासी चले हुए जो बोझ उठा कर, राह के हर कांटे को अपना यार बना कर, कंधे पर मजबूरी की गठरी, पहुंच जायेंगे घर यही आस लगाए हैं। किस दिन कह पाऊंगा उन्हें आराम करो, क्यूंकि दिन आराम का है। सुप्रभात। रविवार का दिन, महकती सुबह, परिवार का साथ। जीवन में इससे अधिक और क्या चाहिए। #सम्पूर्ण#निस्वार्थ#एहसास#ख्याल#बेचैनी #आरामकादिन #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi