बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, ख्याल भी नहीं रखते हैं अपनों का, टूट कर बिखर जाते हैं कांच की तरह, परवाह भी नहीं करते किसी के सपनों का । #sshukla #loveshayri #writersofindia #hindishayari #khyal #sapne #apnoka