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जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से । रास्ता मत द

जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
बेटा हूँ मैं तेरा पर अपनी भारत माता को कैसे भूलु। 
कुछ अपनो के लिए सब को कैसे छुड़ु।
हाँ कुछ फ़र्ज है उनको निभाना है।
अपनी रूह का वतन से दिल लगाना है।
इस जन्म भारत । माँ अगले जन्म माँ तेरा फर्ज निभाना है ।
मत अहसासों के काटें बोना मेरे जाने की राह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
खून का कतरा हैं जब तक मेरे जिस्म में ।
भारत के सुकून की ज्वाला है मेरे मन में
  रोना मत आतंक से लड़ते हुए चला जाऊँ मैं अपनी जां से।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
अपनी प्यारी बहना से कुछ बोलूं कैसे ।
उसकी आखों से आंसू पोंछू कैसे ।
आ न सका तेरी शादी में नाराज़ मत होना ।
आकर मेरी तस्वीर के आगे मत रोना।
तुम गुडिया हो मेरी चहकती चिडियाँ हो मेरी।
रोक मत देकर  कसमे राखी की ।
यूँ  रूह को भिगोना मत आँसुओ की बरसात में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
पापा आपसे कुछ कैसे बोलूं ।
हाँ अगर वापिस आऊ न अपनी देह के साथ सर मिले न साथ जिस्म किसी धमाके के बाद ।
तिरगें को चुम लेना और कहना बेटा तुने अपने कुछ लम्हों के साथ ।
रोना मत खुद न रोने देना मेरी माँ को ।
कही वो टुट न जाये अपनी ममता की चाह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
छोटे भाई सम्भाल लेना अपने घर बाहर को।
और वो  अब अपने पास रखना गाड़ी की चाबी और हाँ बाहर घुमना मत देर रात को ।
हर बात मनना सब की कयोंकि माँ  डुडेगी मुझे तेरी रूह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
महोब्बत को कुछ बोल न सकूँ ।
निभाये नही बादे तो कैसे नया वादा करू।अगर वापिस लौटु न चल कर तो मेरे तिरगें में लिपटे जिस्म को।
हस कर आसमानो की तरफ देख लेना अश्क छुपा कर मेरी बच्ची का चेहरा चुम लेना ।
और कहना मेरा महबूब सलामत है वो तिरगें की वाहों में ।
अब बस रास्ता रोक मत मेंरे ठहर जाने की चाह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।         
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जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
बेटा हूँ मैं तेरा पर अपनी भारत माता को कैसे भूलु। 
कुछ अपनो के लिए सब को कैसे छुड़ु।
हाँ कुछ फ़र्ज है उनको निभाना है।
अपनी रूह का वतन से दिल लगाना है।
इस जन्म भारत । माँ अगले जन्म माँ तेरा फर्ज निभाना है ।
मत अहसासों के काटें बोना मेरे जाने की राह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
खून का कतरा हैं जब तक मेरे जिस्म में ।
भारत के सुकून की ज्वाला है मेरे मन में
  रोना मत आतंक से लड़ते हुए चला जाऊँ मैं अपनी जां से।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
अपनी प्यारी बहना से कुछ बोलूं कैसे ।
उसकी आखों से आंसू पोंछू कैसे ।
आ न सका तेरी शादी में नाराज़ मत होना ।
आकर मेरी तस्वीर के आगे मत रोना।
तुम गुडिया हो मेरी चहकती चिडियाँ हो मेरी।
रोक मत देकर  कसमे राखी की ।
यूँ  रूह को भिगोना मत आँसुओ की बरसात में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
पापा आपसे कुछ कैसे बोलूं ।
हाँ अगर वापिस आऊ न अपनी देह के साथ सर मिले न साथ जिस्म किसी धमाके के बाद ।
तिरगें को चुम लेना और कहना बेटा तुने अपने कुछ लम्हों के साथ ।
रोना मत खुद न रोने देना मेरी माँ को ।
कही वो टुट न जाये अपनी ममता की चाह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
छोटे भाई सम्भाल लेना अपने घर बाहर को।
और वो  अब अपने पास रखना गाड़ी की चाबी और हाँ बाहर घुमना मत देर रात को ।
हर बात मनना सब की कयोंकि माँ  डुडेगी मुझे तेरी रूह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।
महोब्बत को कुछ बोल न सकूँ ।
निभाये नही बादे तो कैसे नया वादा करू।अगर वापिस लौटु न चल कर तो मेरे तिरगें में लिपटे जिस्म को।
हस कर आसमानो की तरफ देख लेना अश्क छुपा कर मेरी बच्ची का चेहरा चुम लेना ।
और कहना मेरा महबूब सलामत है वो तिरगें की वाहों में ।
अब बस रास्ता रोक मत मेंरे ठहर जाने की चाह में ।
जाने से पहले कुछ कहना है अपनी माँ से ।
रास्ता मत देखना मेरे वापस आने की चाह में ।         
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