जब कोई अपने दिल की बात जुबां से या लिख के नहीं कहा पाता, तब ये हवाएं गुनगुनाती हुई, सब खामोशियों की चीरती हुई जाती है, हल्की सनसनाहट उसके कानों में करती है, और बस यूं कहती की उसकी उस गूंज को बस वही सुन पाए, जो इसका हकदार है। kisne aisa feel kia kbhi? ki apke dil ki bat samne wala smjh gya khud b khud. #sachikahani