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दिसंबर, चाय और ठंड तुम सुवह की चाय की तलप से हुये

दिसंबर, चाय और ठंड तुम सुवह की चाय की तलप से हुये 
इलायची की सौंधी खुशबू 
अदरक के जायके से हुये 
पानी और दूध की तरह मिल गये 
इक दूजे मे हम  यूँ हीं घुले हुये 
रंग गहरा हुआ  जैसे पत्ती का
 ऐसे ही चाहत के रंग से हम गहरे हुये 
यूँ आ गयी शक्कर की मिठास  जिंदगी मे 
जेसे इश्क  की चाशनी मे हम डूबे हुये #दिसंबर_चाय_और_ठंड
दिसंबर, चाय और ठंड तुम सुवह की चाय की तलप से हुये 
इलायची की सौंधी खुशबू 
अदरक के जायके से हुये 
पानी और दूध की तरह मिल गये 
इक दूजे मे हम  यूँ हीं घुले हुये 
रंग गहरा हुआ  जैसे पत्ती का
 ऐसे ही चाहत के रंग से हम गहरे हुये 
यूँ आ गयी शक्कर की मिठास  जिंदगी मे 
जेसे इश्क  की चाशनी मे हम डूबे हुये #दिसंबर_चाय_और_ठंड