------------------!! मुक्तक !!---------------- हकीकत को न पूछो तुम, कहाँ बेचैन बैठी है। कहाँ आँसू बहाती है, कहाँ किससे वो रूठी है। बड़ी रफ्तार से चलती, यहाँ है झूठ की दुनिया- दिखाकर आँख वो सच को पकड़ के कान ऐंठी है। ------------------------------------------- ~ राजेश कुमार कुशवाहा 'राज' सीधी(मध्यप्रदेश) ©राजेश कुशवाहा 'राज' ------------------!! मुक्तक !!---------------- हकीकत को न पूछो तुम, कहाँ बेचैन बैठी है। कहाँ आँसू बहाती है, कहाँ किससे वो रूठी है। बड़ी रफ्तार से चलती, यहाँ है झूठ की दुनिया- दिखाकर आँख वो सच को पकड़ के कान ऐंठी है। ------------------------------------------- ~ राजेश कुमार कुशवाहा 'राज' सीधी(मध्यप्रदेश) #कुशवाहाजी