उफ्फ!! ये मौसम की पहली बारिश कितना सुहाती है आँखों को, दिल को, जिस्म ओ रूह को सुकून दे जाती है मिट्टी की भीनी खुशबू जब नथुनों तक चली आती है मेरे जर्रे-जर्रे में प्रकृति से मोहब्बत का जुनून भर जाती है मैं रोक नहीं पाता हूँ खुदको इस बारिश में भिगाने से #भीगे_मन_मेरा बस दिल की यही ख़्वाहिश बन जाती है ये चंद बूँदें बारिश की जब जिस्म पर हौले से बहती हैं देह तो गीली करती है मेरी रूह भी धुल सी जाती है हाँ इश्क हो गया है मुझको इस मौसम की पहली बारिश से ये गमों को मेरे धुलकर मुझको तरो-ताजा कर जाती है #चौबेजी #चौबेजी #नज़्म #नोजोटो #बारिश #nojoto #nojotohindi #rain