कभी-कभी कभी-कभी ख़यालों के समंदर में खोना अच्छा लगता है, कभी-कभी रौशनी बन अंधेरे में समाना अच्छा लगता है, कभी-2ओस की बूंदों का भाप बन उड़ना अच्छा लगता है, कभी-कभी कश्ती बनकर किनारों से लौटना अच्छा लगता है, कभी-कभी लहर बनकर पत्थरों से टकराना अच्छा लगता है, कभी-2 सवालों के जवाबों को सवालों में ढूंढना अच्छा लगता है, कभी-कभी जमी हुई ओस की बूंदों को निहारना अच्छा लगता है, हाँ बस कभी-कभी हौसला बन तुफानों में फसना अच्छा लगता है। --Vimla Choudhary 18/6/2021 ©vks Siyag #Twowords #कभी_कभी #ख़यालात #Motivational #positivevibes #nojotopoetry #NojotoFilms #nojotonews