*तुम आओगे तब* तुम जब आओगे तो पूछोगे की, तुम्हारी इन कविता का मालिक कौन है मैंने अब तक किसे महसूस करके लिखा है। किसे प्यार की बारिश में भिगोया है तुम्हारे अनगिनती सवालों का इक ही जवाब होगा जिसने मुझे मोहब्बत करना सिखाया था। मुझे मोहब्बत करने का हकदार बनाया था वो शामिल है। वो सिर्फ मेरा प्रेमी नहीं है। उसमें मेरी मां शामिल हैं पिता शामिल है बहन भाई परिवार दोस्त सब एक शामिल हैं जिनसे मैंने प्रेम के सही मायने सीखे है | कुछ ने आंसू देकर सीखाया तो कुछ ने मुझे एक अनोखा होने का अहसास करवाया मेरी कविता में तुम भी शामिल थे जब तुम मेरे पास नहीं थे......। मैंने तब भी तुम्हारी कल्पना करने की नाकाम कोशिश की थी। मैंने तुममें कभी किसी जायदाद मालिक का नहीं ढूंढा। ना ही कोई सरकारी अफसर.....। हां! ढुंढा तो बस एक काबिल इंसान जिसके पास आज भले कुछ ना हो। पर उसका कल आज से बेहतर हो। और बस इतनी सी चाहता रखती थी तुममें और अब भी रखती हूं। कि तुम और तुम्हारे विचार मुझे बांधने की कोशिश में ना रहें......। बल्कि मुझे उड़ने के लिए आगे की पंक्ति में खड़ी रहने के लिए कहें......। ये ना कर सके तो ना सही पर कभी पंखों को काटने की ना सोचे मैं तुममें अपना ब्रहमांड देखती हूं। जो मुझे अपने से दूर ना रखने की सोचे जिसमें मैं समाई रहूं और वो मुझमें ये कहने का हक हो की तुम हो तो हम तुम्हारे बिना हम कुछ नहीं.....। कुछ भी नहीं.....। मेरा प्यार तब भी सच्चा था और अब भी......। ©कौशल कुशल अदाकारा #तुमआओगे तो #Thoughts #लव_शायरी #इतंजार