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साथ चलने को निकल तो गई मग़र ये सोचा ही नहीं अगर वाप

साथ चलने को निकल तो गई मग़र ये सोचा ही नहीं
अगर वापस अकेले आना पड़े तो क्या होगा..
ज़ब उसके करीब गई थी तब थी मैं एक कुछ और हुआ करती थी
ज़ब वो बदल गया तब समझ आया मुझ में मैं ही नहीं बची
वो वाकिफ ही नहीं इस बात से की मैंने उससे चाहते चाहते
ख़ुद को खो दिया............।

©nikita kothari #ILostMySelf
साथ चलने को निकल तो गई मग़र ये सोचा ही नहीं
अगर वापस अकेले आना पड़े तो क्या होगा..
ज़ब उसके करीब गई थी तब थी मैं एक कुछ और हुआ करती थी
ज़ब वो बदल गया तब समझ आया मुझ में मैं ही नहीं बची
वो वाकिफ ही नहीं इस बात से की मैंने उससे चाहते चाहते
ख़ुद को खो दिया............।

©nikita kothari #ILostMySelf