" फासले आते रहे हैं जाते रहे , भला कब तक उसे नजदिकियो का ख्याल रहे , इल्म जो हो जड़ा उसे वेतावियो का , इसका जिक्र अब वो हर बार करेंगी . " --- रबिन्द्र राम Pic : Google pic " फासले आते रहे हैं जाते रहे , भला कब तक उसे नजदिकियो का ख्याल रहे , इल्म जो हो जड़ा उसे वेतावियो का , इसका जिक्र अब वो हर बार करेंगी . " --- रबिन्द्र राम