कड़ी मेहनत में मेहनताने को मजबूर हूँ, क्या करूँ साहब, मजदूर हूँ... मेरे किए का खाए दुनिया, मैं भूखों से चूर हूँ, क्या करूँ साहब, मजदूर हूँ... फटे लिबासों में भी अपनो की ख़ातिर, जैसा भी हूँ साहब, कोहिनूर हूँ... #मजदूर दिवस #dearsdare #majdur #mehnat #india #hinidiwriters