आये हो तुम, तो आओ बैठो ना ꫰ ये दिल केे राज़ अब तो कह दो ना ꫰꫰ बनाते हैं अब बातें ये सारे लोग मोहल्ले केे ꫰ यार अब तो तुम उनको झूठा साबित कर दो ना ꫰꫰ हैं नहीं, कोई भी अप्सरा तुम्हारे जैसी जहान में ꫰ इज़ाज़त हो तो, ये बात मैं अपनी माँ से कह दूँ ना ꫰꫰ अच्छा तो अब ये सौगात लाये हो हमारे लिए ꫰ ठीक हैं, उसको तुम दूसरी तरफ रख दो ना ꫰꫰ मैंने सुना हैं, तुम चाहते हो अब पाक-मोहब्बत ꫰ देखो अब ये जिस्मो की बातें मत करो ना ꫰꫰ हाँ ꫰ मैं मानता हूँ ये लाज-शर्म ज़माने की तुम्हारी ꫰ फिर भी तुम अपनी मोहब्बत मेरे हिस्से लिख दो ना ꫰꫰ ©Jayesh gulati तो आओ बैठो ना ꫰❤ . . . . . . .