बहुत "दर्द" होता है उस वक्त जब हम किसी पर "आंख" बन्द करके "अन्धे" की तरह भरोसा करते हैं और वह "इंसान" साबित कर देता है की हम सच में "अन्धे" थे... अंधे थे सच में......