पास आओ, मेरी धड़कन संभल जाएगी, गर मौत भी आई, जिंदगी में बदल जाएगी कब तक मैं तड़पता रहूँगा, चाहत में तेरी, तू जो आए, गमों की शामें भी ढल जाएगी हर घड़ी बस, अब तुझे ही ढूँढा करती हैं, तेरे दीदार को, ये मेरी आँखें मचल जाएगी आखिर कब करोगी, मुझपे निगाहे-करम, मुस्कुराओगी तुम, तो तबीयत बहल जाएगी इश्क में जलते, परवाने को है इतना यकीं, 'नीर' एक ना एक दिन, शमा पिघल जाएगी। ©नीर कुमार 'निर्मोही' #Gazal☺❤🙏 #Neer #Nirmohiwrites