सफ़र में मुश्किलें आएं तो जुरअत और बढ़ती है कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है मेरी कमजोरियों पर जब कोई तन्कीद करता है वो दुश्मन क्यो न हो उससे मोहब्बत और बढ़ती है जरूरत में अज़ीज़ो की अगर कुछ काम आ जाओ रकम भी डूब जाती है अदावत और बढ़ती है अगर बिकने पे आ जाओ तो घट जाते हैं दाम अक्सर न बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढ़ती है [जनाब नवाज़ देवबंदी] सफ़र में मुश्किलें आएं तो जुरअत और बढ़ती है कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती है मेरी कमजोरियों पर जब कोई तन्कीद करता है वो दुश्मन क्यो न हो उससे मोहब्बत और बढ़ती है