अंगारों में तपाया था बदन तूने , समझा था धूप का राजा बनूँगा, मौसम सदियों से सर्द चल रहा है, अब उस बदन की नुमाईश कैसे करूँगा ? इस बदन की नुमाईश कैसे करूँगा ? #nojoto #nojotohindi #poetryfromsahayak #sahayak #poemfromkishmat #karma