Alone इतना रूठा रूठा हुआ है क्यों, कोई तरकिब बता मनाने का । मैं जिन्दगी गिरवी रख दूं, तू कीमत बता मुस्कुराने का । अलभ्य अनूप मनाने में। #poemnojoto #shayrinojoto #My_Book_My_Word