सुन सूरज की रागिनी, धुन तेरी है नूर थाप पर तेरी थिरक थिरक कर करे अंधेरा दूर सुन सूरज की रागिनी, धुन तेरी है नूर तू चाहे तो आसमान का रंग साज़ कर दे गीत पुराने भूले बिसरे बादल में भर दे जिसको छू ले तू वो महके सरगम से भरपूर सुन सूरज की रागिनी, धुन तेरी है नूर तू उत्सव की शक़्कर पैर तेरे हैं रक्स तू ही आइना तू ही रैशनी और तू ही है अक्स चार दिशाएँ एक बनें जब हो तुझको मंज़ूर सुन सूरज की रागिनी, धुन तेरी है नूर ©Mo k sh K an #D #mokshkan #Hope #Brightness #new_day #divinity