अर्थ का अनर्थ........ यह अर्थ अनर्थ है तब होता ,जब सत्य की परख ना होती है फिर बिगड़े जग के पैमाने,सब देख के बुद्धि रोती है जब ज्ञान की "रोशनी" दिखें नही,"मिट्टी" भी "सोना" होती है जब कद्र ना "गंगाजल" की हो,पूजा "नाले' की होती है जब बुद्धि 'अंधी" हो जाए ,"पत्थर" भी दिखता "मोती" है तब किस्मत मानव जाति की,बन कुम्भकर्ण ही सोती है सच कहूं तो यह ही नियति है,मंद होती आत्म ज्योति है यह फसल वही पर लहराती,जहाँ कद्र ना ज्ञान की होती है जब अहंकार है बढ़ जाए,सदबुद्धि आदर खोती है इसी पेड़ पे फल विनाश के है,दुनिया खुद बीज यह बोती है धन्यवाद। #yqdidi #yqbaba #yqbhaijan #हिंदी #अनर्थ #विनाश