*📝“सुविचार"*📚 ✨ *5/9/2021*🖋️ 🖊️ *“रविवार ”*📘 *(शिक्षक दिवस)* “गुरु” जो हमें “मार्ग” दिखाते है जो हमारे “जीवन” अत्यंत महत्वपूर्ण होते है लेकिन कुछ “लोगों” का मानना ये है कि “गुरू” की कोई आवश्यकता नहीं,क्योंकि सारा जो “ज्ञान” है वो “मनुष्य” के ही “भीतर” होता है, यदि सारा “ज्ञान” मनुष्य के भीतर ही है तो “गुरु” की क्या आवश्यकता है ? और जो लोग आजतक “गुरु” को मानते आए है क्या वो अनुचित है ? नहीं... देखिए यदि “गुरु” ही नहीं रहेंगे,उनके “प्रयास” ही नहीं रहेंगे तो “सारा ज्ञान” जो मनुष्य के “भीतर” है वह “व्यर्थ” चला जाएगा, जी आपके “जीवन” में आपके साथ आपके “गुरु” है जो आपका “मार्गदर्शन” कर रहे हैं और आपके “भीतर के ज्ञान” को बाहर निकाल रहे हैं, तो अपने “गुरु का सदैव” सम्मान कीजिए... “धन्य” हो ऐसे “गुरु” जो अपने “शिष्य” को उसके “गणतव्य” तक पहुंचाते है और उसका “सारा श्रेय” उसे देते है तो “जीवन” में ऐसे “गुरुओं” को सदैव “स्मरण” रखिए,सदैव उनका “आदर” किजिए, आप कभी जीवन में “पीछे” नहीं रहेंगे ... *🖋️*अतुल शर्मा✨* ©Atul Sharma *📝“सुविचार"*📚 ✨ *5/9/2021*🖋️ 🖊️ *“रविवार ”*📘 *(शिक्षक दिवस)* #“गुरु” #“मार्ग”