دوستو آداب۔ یہ دل یہ پاگل دل مرا کیوں بجھ گیا آوارگی اس دشت میں اک شہر تھا وہ کیا ہوا آوارگی آج کا لفظ ہے۔ آوارگی اس لفظ کے استعمال سے قطعہ، نظم یا اشعار لکھیں۔ شکریہ۔ ये दिल ये पागल दिल मिरा क्यूँ बुझ गया आवारगी इस दश्त में इक शहर था वो क्या हुआ आवारगी.. मोहसिन नक़वी के इस ख़ूबसूरत शेर में इंसानी ज़िन्दगी की कर्बनाक दास्तान दर्ज है। हमारी आवारगी को अचानक क्या हो जाता है। हम बुझने लगते हैं। आज का लफ़्ज़ यही आवारगी है। इस लफ़्ज़ के इस्तेमाल से नज़्म या अशआर लिखें