कहां जा रहे हो जरा हमे भी बतायें एक गुजारिश है थोडी और ठहर जाये माना थोड़ी उलझे हुए से हैं पर तुम्हारे लिए हम सुलझ भी जायेंगे.. ये मोहब्बत की वो कश्ती है जनाब जो मरहम के दरिया में बहती जिसे आखों के अश्कों की पहचान होती।। ©Hymn #emosions #need