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।। *महात्मा गांधी* ।। ----------------------------

।। *महात्मा गांधी* ।।
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एक  व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व हैं गाँधी
नश्वर  जगत  का अस्तित्व हैं गाँधी
जिसकें विचार से जगत   सुरक्षित
ऐसा   मातृत्व   भातृत्व   हैं   गाँधी

दर्शन   जिसका  निर्वाण  मात्र  ना
कर्म   जिसका   निर्माण  मात्र  ना
सर्वागिण   मनुषता  हो  भारत  में
वो  शाश्वत  भाव,क्षणिक  मात्र ना

सारे  मुश्किल  का समाधान गाँधी
साथी  ग़रीब का,ना भगवान गाँधी
विचलित  ना  हो बात से किसी के
हैं   राम   बुद्ध  सा  धैर्यवान  गाँधी

मर   कर  सबमें  जिंदा  गाँधी  हो
हर   घर   आँगन   वृंदा  गाँधी  हो
तो  कोई  बिकट संकट ना सृष्टि में
गर  मैं  भी  और  तुम भी गाँधी हो

था   निरीह  हांड  मांस  का  मूरत
और  अस्थि  पंजर  बिन का सूरत
अस्तित्व नहीं बस व्यक्ति धरा पर
हैं पैगम्बर मसीहा से ऊपर कीरत

नमन  अस्थि  कलश  में  तन का
हिंसा  का  भाव मिटें मेरें मन का
स्पर्श  दर्शन हो समाधि का उनके
कुभाव मिटें सब ज़ेहन जगत का ।।

©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #महात्मा_गांधी 
#Mahtmagandhi 

#BookLife
।। *महात्मा गांधी* ।।
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एक  व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व हैं गाँधी
नश्वर  जगत  का अस्तित्व हैं गाँधी
जिसकें विचार से जगत   सुरक्षित
ऐसा   मातृत्व   भातृत्व   हैं   गाँधी

दर्शन   जिसका  निर्वाण  मात्र  ना
कर्म   जिसका   निर्माण  मात्र  ना
सर्वागिण   मनुषता  हो  भारत  में
वो  शाश्वत  भाव,क्षणिक  मात्र ना

सारे  मुश्किल  का समाधान गाँधी
साथी  ग़रीब का,ना भगवान गाँधी
विचलित  ना  हो बात से किसी के
हैं   राम   बुद्ध  सा  धैर्यवान  गाँधी

मर   कर  सबमें  जिंदा  गाँधी  हो
हर   घर   आँगन   वृंदा  गाँधी  हो
तो  कोई  बिकट संकट ना सृष्टि में
गर  मैं  भी  और  तुम भी गाँधी हो

था   निरीह  हांड  मांस  का  मूरत
और  अस्थि  पंजर  बिन का सूरत
अस्तित्व नहीं बस व्यक्ति धरा पर
हैं पैगम्बर मसीहा से ऊपर कीरत

नमन  अस्थि  कलश  में  तन का
हिंसा  का  भाव मिटें मेरें मन का
स्पर्श  दर्शन हो समाधि का उनके
कुभाव मिटें सब ज़ेहन जगत का ।।

©बिमल तिवारी “आत्मबोध” #महात्मा_गांधी 
#Mahtmagandhi 

#BookLife