वक़्त है क्या तुम्हारेे पास? क्योंकि मैं थोड़ा शर्मीला हूँ, दिल की बातें जुबान से कह नहीं पाता। थोड़ा वक़्त लगेगा मुझे। डर है कि तुम किसी और की ना हो जाओ, बस इसलिए तम्हें हर दफ़ा खुद के सामने रखना चाहता हूँ। यूँ तो तम्हें सारी बातें पता है, पर क्या करूँ, लड़का हूँ ना, डरना लाज़मी है! दरख़ास्त है एक! क्या रुक सकती हो थोड़ी और देर? क्या ठहर सकती हो कुछ और पलों के लिए? वो क्या है ना कि अभी सब कह देने की हिमाक़त नहीं मुझमे। वज़ूद मिल जाये खुद का, फिर देर ना करूँगा बताने में, वो सारी बातें जो ना जाने कितनी कॉपियों के पीछे मैंने लिख लिख कर मिटा डाला, वो बातें जो शायद तुमसे कभी किसी ने ना कहा हो, वो एहसास जो तम्हें देख कर मेरी रगों को होता है, वो डर जो तम्हारे करीब आने पे होता है, और वो प्यार जो तम्हारे लिए पल पल बढ़ते ही रहता है इसलिए तो पूछ रहा हूँ, वक़्त है क्या तुम्हारेे पास? वक़्त है क्या तुम्हारे पास? #वक़्त #जुबान #हिमाकत #yqdidi #yqbhaijan #yqtales #yqquotes #yqhindi