नये भारत में वो अब भी शिकार है, ये झूठे सूरज का अंधकार है, ये आम और मंज़ूर हो चुका है शायद अब, पर हमें इस मंज़ूरी से सख़्त इंकार है। -सुमीत #HathrasRapeCase #DalitLivesMatterIndia #Shayari #Stoprape