#मिशन_कश्मीर गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें, कूदती फांदती नजर आती हैं मचलती हिरणें। नए अध्याय की शुरुवात है यही तो मेरे दोस्तों- रंग बदले है फिजाओं के, लगे है दिन फिरने।। गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें।। एक हो गया है रंग, यहां कोई बेरंग ना हो, मर्यादा की हो पकड़, अब कोई बेढंग ना हो। आंखों से बहे वो केवल खुशी के हो आँसू- छटने लगी तीव्रता से, थी कालिमा जो घिरने।। गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें।। आयी है नई सुबह, गा रहे हम हिन्दुस्तानी, अब कश्मीर है सबका ओ श्यामा बलिदानी। धन्य है धरा, और आसमान भी खुश है- बुलंदियों मे होगा भारत, लगे हैं दिन फिरने।। गुलिस्तां में बिखरने लगी है दमकती किरणें।। 05.09.2019 कश्मीर